और तबाह हो गए


वफ़ा के नगमे गाते-गाते, यूँ बेवफ़ा हो गए |
तेरी खेरियत का ख़त पढ़ा और खफा हो गए ||

खुदा ने तुझे किस मिटटी से बनाया जालिम |
आए तेरे दीदार के वास्ते, और तबाह हो गए ||

शेखर कुमावत

16 टिप्‍पणियां:

  1. तेरे दीदार के वास्ते आए, और तबाह हो गए ||


    ....बहुत खूब, लाजबाब !

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  2. खुदा ने तुझे किस मिटटी से बनाया जालिम |
    तेरे दीदार के वास्ते आए, और तबाह हो गए ||

    .....

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  3. खुदा ने तुझे किस मिटटी से बनाया जालिम |
    तेरे दीदार के वास्ते आए, और तबाह हो गए ||
    Wah! Wah!

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  4. खुदा ने तुझे किस मिटटी से बनाया जालिम |
    तेरे दीदार के वास्ते आए, और तबाह हो गए
    bahut sundar lagi

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  5. वफ़ा के नगमे गाते-गाते, फिर बेवफ़ा हो गए |
    तेरी खेरियत का ख़त पढ़ कर खफा हो गए ||

    खुदा ने तुझे किस मिटटी से बनाया जालिम |
    तेरे दीदार के वास्ते आए, और तबाह हो गए ||

    Laajabaab !

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  6. बहुत ही खूबसूरत लिखा है साहब...

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  7. खूबसूरत प्रस्तुति...आपका ब्लॉग बेहतरीन है..शुभकामनायें.


    ************************
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  8. Dobara comment kar rahi hun...wartani ke liye...Sahi shabd hai' khairiyat'...aapne likha hai 'kheriyat'..Bhav to sundar hain hi..

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  9. खुदा ने तुझे किस मिट्टी का बनाया जालीम हम तुम्हारी कविताओ के दिवाने हो गये.

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