उठ कर जो गये तुम, हमसे देखा भी न गया | जाम छलकते रहे , हमसे पिया भी न गया || आज भी आवाजें देता हूँ हर रात के अँधेरे में | खड़ाहो उसीमोड़पर, जहाँतुमसे पलटानगया ||
आज भी आवाजें देता हूँ हर रात के अँधेरे में | खड़ा हो उसी मोड़ पर, जहाँ तुमसे पलटा न गया || waah...........kya baat kah di.........dil ko chhoo gayi........gaagar mein sagar bhar diya.
mere khayal se aap b.a. ke student honge. blog hindi mein likhen to bhasha ki vertani ko shuddh rakkhen, bhale hi samay thoda jyada lage. sahitya mein ruchi hai to achchhi kitabon ka chayan karen aur use padhen. meri shubhkamnayen.muktakon per mehnat karen. vks185@reiffmail.com
आज भी आवाजें देता हूँ हर रात के अँधेरे में |
जवाब देंहटाएंखड़ा हो उसी मोड़ पर, जहाँ तुमसे पलटा न गया ||
इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
sanjay ji aap ka yahi apar pyar hame likhane ko majbur kar deta he
जवाब देंहटाएंaap ki shubh kamnao ka swagat he
shekhar kumawat
बहुत बढिया बयान बेकरारी का .
जवाब देंहटाएंvery nice yaar.............................
जवाब देंहटाएंखूबसूरत बेकरारी
जवाब देंहटाएंPAHALI BAAR HILAA DENE WAALAA KUCH LIKHA HAI.LAGE RAHO
जवाब देंहटाएंआज भी आवाजें देता हूँ हर रात के अँधेरे में |
जवाब देंहटाएंखड़ा हो उसी मोड़ पर, जहाँ तुमसे पलटा न गया ||
Bahuthi sundar....kya kahen, dilme ek tees uth gayi..
आज भी आवाजें देता हूँ हर रात के अँधेरे में |
जवाब देंहटाएंखड़ा हो उसी मोड़ पर, जहाँ तुमसे पलटा न गया | ek marmsprshi muktak
बहुत सुन्दर मुक्तक है जी!
जवाब देंहटाएंइसकी चर्चा यहाँ भी है-
http://charchamanch.blogspot.com/2010/04/blog-post_03.html
आज भी आवाजें देता हूँ हर रात के अँधेरे में |
जवाब देंहटाएंखड़ा हो उसी मोड़ पर, जहाँ तुमसे पलटा न गया ||
waah...........kya baat kah di.........dil ko chhoo gayi........gaagar mein sagar bhar diya.
BAHUT ACHA HE
जवाब देंहटाएंPALTRA BHI NAHI GAYA .............
बेहतरीन शानदार रचना..उम्मीद है ऐसी ही रचनाएं हमें आगे भी पढ़ने को मिलेगी
जवाब देंहटाएंजबरदस्त प्रस्तुति .....
जवाब देंहटाएंतुम से पलटा न गया--- बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंवाह...बहुत खूब
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर ! वाह !
जवाब देंहटाएंchhoti rachna par dil ko chhoolene bali
जवाब देंहटाएंdhnyavad
उस्ताद जी .. उम्र से ज्यादा गहरी बाते है ...
जवाब देंहटाएंmere khayal se aap b.a. ke student honge. blog hindi mein likhen to bhasha ki vertani ko shuddh rakkhen, bhale hi samay thoda jyada lage. sahitya mein ruchi hai to achchhi kitabon ka chayan karen aur use padhen. meri shubhkamnayen.muktakon per mehnat karen. vks185@reiffmail.com
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