कैसा उल्फत का जूनून, मेरे दिल में समाया |
हजारो चहरो में , बस तेरा ही चेहरा भाया ||
कदम कदम पर ठोकरें इम्तिहां मेरा लेती रही |
हार कर उन्हींने, रास्ता तेरे घर का दिखाया ||
![[026a.jpg]](//4.bp.blogspot.com/_aonYD8bWC1g/ShSnziazYLI/AAAAAAAADZ8/cyFA-agCk-8/s1600/026a.jpg)
हजारो चहरो में , बस तेरा ही चेहरा भाया ||
कदम कदम पर ठोकरें इम्तिहां मेरा लेती रही |
हार कर उन्हींने, रास्ता तेरे घर का दिखाया ||
![[026a.jpg]](http://4.bp.blogspot.com/_aonYD8bWC1g/ShSnziazYLI/AAAAAAAADZ8/cyFA-agCk-8/s1600/026a.jpg)
शेखर कुमावत