Shekhar Kumawat's Blog
good yaarrrrrrrrrrrrrr
VERY NICE DEAR
BEHTREEN RACHNAA..
bahut badhaai.regilar likhate rahenge to haath saaf ho jayegaa.
बहुत सुंदर शेर भी और चित्र तो कमाल के हैं बधाई।
बढ़िया मुक्तक!
बढ़िया मुक्तक हैं!मगर सुधार के तलबगार हैं!
बेहतर...
काबिलेतारीफ है प्रस्तुति।.सारी रचनाये आपकी बहुत ही अच्छी है|
वाह....मालिक की खुराफात और बंदे गुनाहगार....बहुत खूब...
sangeeta swarup ji waha kuch or he jara ek bar or pade खुराफातें तेरी थी, वो मालिक के गुनाहगार हो गए shekhar kumawat
Dear , Teer shandaar hai .
very good writing.....kaabile- taarif....waiting for your next posts...i m following you....hope u'll do the same...
तेरी नजरों के तीर सब जिगर के पार हो गए | मुसाफिर सारे के सारे ही बीमार हो गए .....very nice.goooooood.
is umra mein ye tewar... bhai lajawab... likhna jaari rakho...
मौजू रचना ।
waah, kya baat hai !
प्रिय भाई शेखर ,तुम्हारा ब्लॉग देख कर आनंद आगया ,ठीक तुम्हारी तरह सुंदर है ,इतने सजीले चित्र दूंढ निकले हैं कि सौंदर्य के मानक तय कर दिए /आप्बहुत आगे जाइयेगा ये चाहत भी है शुभकामना भी /सस्नेह,डॉ.भूपेन्द्र
Bahut badiya likah shekhar bhai aapne very good ,very best
behaterin tippaniya APNI MAATI
गज़ब ... जितनी सुन्दर पंक्तियाँ है उतना सुन्दर की चित्र ...
खुराफातें तेरी थी, वो मालिक के गुनाहगार हो गए ||Bade chunindaa alfaaz hain yah!
mithayi kab khila rahe ho bhai!@
Very nice.You have a bright future ahead.
बहुत खूब
बहुत बढिया..
very nice,really impressive & charming.....keep it on....!!!!!!with best wishings.....http://idharudharki1bat.blogspot.com
good
अमां, इस उम्र में ये तेवर?छा गये भाई, शेखर।बहुत खूब!और अगर बुरा न मानो तो प्रोफ़ाईल में थोड़ा सा सुधार कर लो,(replace write by written) उजली चादर पर छोटा सा धब्बा भी चमकता है। आशा है बुरा नहीं मानोगे।
behatarin rachana!!!
kaabil-e-taareef...
good yaarrrrrrrrrrrrrr
जवाब देंहटाएंVERY NICE DEAR
जवाब देंहटाएंBEHTREEN RACHNAA..
जवाब देंहटाएंbahut badhaai.regilar likhate rahenge to haath saaf ho jayegaa.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर शेर भी और चित्र तो कमाल के हैं बधाई।
जवाब देंहटाएंबढ़िया मुक्तक!
जवाब देंहटाएंबढ़िया मुक्तक हैं!
जवाब देंहटाएंमगर सुधार के तलबगार हैं!
बेहतर...
जवाब देंहटाएंकाबिलेतारीफ है प्रस्तुति।.सारी रचनाये आपकी बहुत ही अच्छी है|
जवाब देंहटाएंवाह....मालिक की खुराफात और बंदे गुनाहगार....बहुत खूब...
जवाब देंहटाएंsangeeta swarup ji waha kuch or he
जवाब देंहटाएंjara ek bar or pade
खुराफातें तेरी थी, वो मालिक के गुनाहगार हो गए
shekhar kumawat
Dear ,
जवाब देंहटाएंTeer shandaar hai .
very good writing.....
जवाब देंहटाएंkaabile- taarif....
waiting for your next posts...
i m following you....hope u'll do the same...
तेरी नजरों के तीर सब जिगर के पार हो गए |
जवाब देंहटाएंमुसाफिर सारे के सारे ही बीमार हो गए .....very nice.goooooood.
is umra mein ye tewar... bhai lajawab... likhna jaari rakho...
जवाब देंहटाएंमौजू रचना ।
जवाब देंहटाएंwaah, kya baat hai !
जवाब देंहटाएंप्रिय भाई शेखर ,
जवाब देंहटाएंतुम्हारा ब्लॉग देख कर आनंद आगया ,ठीक तुम्हारी तरह सुंदर है ,इतने सजीले चित्र दूंढ निकले हैं कि सौंदर्य के मानक तय कर दिए /आप्बहुत आगे जाइयेगा ये चाहत भी है शुभकामना भी /
सस्नेह,
डॉ.भूपेन्द्र
Bahut badiya likah shekhar bhai aapne very good ,very best
जवाब देंहटाएंbehaterin tippaniya
जवाब देंहटाएंAPNI MAATI
गज़ब ... जितनी सुन्दर पंक्तियाँ है उतना सुन्दर की चित्र ...
जवाब देंहटाएंखुराफातें तेरी थी, वो मालिक के गुनाहगार हो गए ||Bade chunindaa alfaaz hain yah!
जवाब देंहटाएंmithayi kab khila rahe ho bhai!@
जवाब देंहटाएंVery nice.You have a bright future ahead.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया..
जवाब देंहटाएंvery nice,really impressive & charming.....keep it on....!!!!!!
जवाब देंहटाएंwith best wishings.....
http://idharudharki1bat.blogspot.com
good
जवाब देंहटाएंअमां, इस उम्र में ये तेवर?
जवाब देंहटाएंछा गये भाई, शेखर।
बहुत खूब!
और अगर बुरा न मानो तो प्रोफ़ाईल में थोड़ा सा सुधार कर लो,(replace write by written) उजली चादर पर छोटा सा धब्बा भी चमकता है।
आशा है बुरा नहीं मानोगे।
behatarin rachana!!!
जवाब देंहटाएंkaabil-e-taareef...
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