विनती माकी हूणिजो, पवन पुत्र हडुमान |
संकट सबका टाळजो , महावीर बलवान ||
सीता रा संकट हरया, पायो जग में नाम |
त्यूं सबकी रक्षा करो , सिद्ध करो सब काम ||
संकट सबका टाळजो , महावीर बलवान ||
सीता रा संकट हरया, पायो जग में नाम |
त्यूं सबकी रक्षा करो , सिद्ध करो सब काम ||
mewaadi me kab se likhanaa shuru kar diyaa.peetaji ke lakkan aa rahe hai. bahut saari shubhakaamnaayen
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसीधी सी बात हे धीरे धीरे लाइन में आ रहे हें
जवाब देंहटाएंशेखर कुमावत
आपका परिचय पढ़ा बहुत अच्छा लगा | श्री हनुमानजी की प्रार्थना भी बहुत अच्छी लगी
जवाब देंहटाएं"vinti sabki sunjo maharaj
जवाब देंहटाएंkar dhukhon se beda paar"
हनुमानजी की बहुत अच्छी प्रार्थना.
जवाब देंहटाएंbadhiya dohe .
जवाब देंहटाएंहनुमान जी की प्रार्थना बहुत बढ़िया लगा!
जवाब देंहटाएंrajasthani me hanumaan ji ka gungaan bahut accha laga.likhane ke liye dhaniyavad.
जवाब देंहटाएंहनुमान जी की प्रार्थना बहुत बढ़िया लगा!
जवाब देंहटाएंहनुमान जी की प्रार्थना बहुत बढ़िया लगा!
जवाब देंहटाएंभक्ति की कोई भी भाषा हो प्यारी लगती है, आज बज़ के जरिये आपसे जुडना हुआ और आपके ब्लाग को देखने का शुभ अवसर मिला, बधाई व धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआपका प्रमेन्द्र
शेखर हनुमान के प्रति आपका समर्पित भाव प्रकट होता है . परन्तु विनती माकी हुणिंजों मैं एक मात्रा काम है . ......हुणिंजों में "णी" बड़ा करदें .
जवाब देंहटाएंसीता रा संकट हरिया पंक्ति में दो मात्रा बढ रही हैं . पदांत मैं तुक नहीं मिली है.. सीता रा संकट हरया, पायो जग में नाम .. भी हो सकता है ...
I think future of Rajasthani is bright.
जवाब देंहटाएंThaa bargaa yuva jad jan-wani likbo start kar diya h.