अश्क पलकों पर ही थे , तब भी हम से रोया न गया |
बैठी रही तुम सामने, कुछ भी हम से कहा न गया ||
मंझिले दूर थी इतनी की कदम हमसे उठायें भी ना गये |
हमसफ़र बदल लिया, इस दिल को समझाया न गया ||
बैठी रही तुम सामने, कुछ भी हम से कहा न गया ||
मंझिले दूर थी इतनी की कदम हमसे उठायें भी ना गये |
हमसफ़र बदल लिया, इस दिल को समझाया न गया ||
शेखर कुमावत
हमसफ़र बदल गया ,ये दिल को समझाया न गया ||
जवाब देंहटाएंBahut khoob.... likha hai dost
bahut andar tak kee baat hai.
जवाब देंहटाएंये दिल भी ना जाने कितने फरेब खाता है....
जवाब देंहटाएंअच्छी अभिव्यक्ति
मन के एहसासों को सुन्दर शब्द दिये हैं अच्छा लिखते हो लिखते रहो बहुत बहुत आशीर्वाद। आज कल किसी ब्लाग पर नही आ पा रही हूँ अमेरिका मे हूँ व्यस्त हूँ। समय मिलते ही आऊँगी
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंवाह!
जवाब देंहटाएं"सच में" पर आने और विचार व्यक्त करने के लिये शुक्रिया!
गज़ल पूरी करो भई..बढ़िया है.
जवाब देंहटाएंshekhar bhai, bahut hee badhiya, achha lagega jab aap isey continue karenge!
जवाब देंहटाएंhumse aaya na gaya...tumse bulaya na gaya...
जवाब देंहटाएंphasla pyar mein, dono se mitaya na gaya....
वाह!! बहुत बढिया!!
जवाब देंहटाएंkoshish kariye jyada se jyada pdhne ki... jitna padhenge..jitna shodh karenge ..utna behtar likhenge...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चित्रण किया है
जवाब देंहटाएंवाह!! बहुत बढिया!!बहुत सुंदर चित्रण
जवाब देंहटाएंमंझिले दूर थी इतनी की कदम उठायें भी ना गये |
जवाब देंहटाएंहमसफ़र बदल गया ,ये दिल को समझाया न गया
achchha likhte hai aap ,bahut sundar panktiyaan hai .
bahut achhe...
जवाब देंहटाएंshaandaar panktiyaan...
mere blog par is baar..
नयी दुनिया
jaroor aayein....
bahut kam hi ham kah paate hain ehsaas ........sahi kaha hai
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंआप की "झाड़ू लगाते हुई तस्वीर " कैसी है समझ में नहीं आया ?
जवाब देंहटाएंबेहतर...
जवाब देंहटाएंBahuthi badhiya likha hai...gar bura na mane to ek baat kahun? Sahi uchharan 'manzilen' hota hai..aapne 'manjhile' likha hai!
जवाब देंहटाएंvah ,bahut khoob
जवाब देंहटाएंभाव पक्ष मजबूत है आपका. दो शेर जो आपने लिखे हैं, इन्हें पूरी गजल में ढाला जाना चाहिए. थोडा गजल की टेक्निक और उसकी पाबंदियों का अध्ययन कर लें, मुझे विश्वास है आप और भी अच्छा लिखने लगेंगे.
जवाब देंहटाएंवाह ,बहुत खूब .लिखते रहो और दीखते रहो
जवाब देंहटाएंआपकी रचना रूमानियत से भरपूर है...
जवाब देंहटाएंअच्छा लिखते हैं आप..
लिखते रहिये...
bahut khub
जवाब देंहटाएंBadhiya!
जवाब देंहटाएंशेखर जी, आपकी कई रचनाएं पढ़ीं. आपने इतनी कम उम्र में ये अहसास करा दिया है, कि आपके पास रचना सृजन की कला है. हमारी दुआ है कि आने वाले समय में आपका लेखन और बुलंदी तक जाये.
जवाब देंहटाएंशुभकामनाओं सहित
शेखर बहुत काम शब्दो में बहुत कुछ कह डाला आपने. बहुत ही लाजवाब!!!
जवाब देंहटाएंअश्क पलकों पर ही थे , फिर भी हम से रोया न गया
जवाब देंहटाएंसामने बैठी रही तुम ,फिर भी हम से कहा न गया
गहरी बात कम शब्दों में .... great ..
acchee abhivyakti.............
जवाब देंहटाएंkum par vazanee shavd bahut kuch kah gaye........
बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ शानदार प्रस्तुती!
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