काव्य वाणी
Shekhar Kumawat's Blog
ऐ हुस्न............
ऐ हुस्न मुझे तुझसे शिकायत नहीं ।
दूरियां मिटाने की तेरी कवायत नहीं ॥
मझबूर है तेरे कसमो और वादो से ।
वरना ये मोहब्बत इबादत से कम नहीं ॥
करते है इन्तजार हर रोज़ उस मोड़ पर ।
जहाँ से बढ़ने की मुझे इजाजत नहीं ॥
© Shekhar Kumawat
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