अब खामोश निगाहें भी कुछ कहती है |
क्यूँ ये मुस्कुराते होठ भी कहते है ||
ये कोनसी आग लगाई तुमने दिल में |
जो ये दुनियां भी कुछ कुछ कहती है ||
क्यूँ ये मुस्कुराते होठ भी कहते है ||
ये कोनसी आग लगाई तुमने दिल में |
जो ये दुनियां भी कुछ कुछ कहती है ||
Shekhar Kumawat
अच्छी पंक्तिया की रचना की है ........
जवाब देंहटाएंकृपया इसे भी पढ़े :-
क्या आप के बेटे के पास भी है सच्चे दोस्त ????
bahut badiya.
जवाब देंहटाएंinteresting
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंाच्छा लिखा है मगर "कूछ कूछ" का शायद कुछ और अर्थ हो जो मुझे नही पता या फिर "कुछ कुछ" लिखना चाहते थे। शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत खूब .कुछ तो लोंग कहेंगे ..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब!
जवाब देंहटाएंबधाई हो!
शेखर लिखते बहुत खूबसूरत हो , अपने शब्दों को एक बार पढ़ कर उसकइ मात्राओं का ध्यान रखा करो .
जवाब देंहटाएंइतनी मार्मिक है कि सीधे दिल तक उतर आती है ।
जवाब देंहटाएंआपने सोम ठाकुर जी का एक मुक्तक नहीं सुना वरना आपके प्रश्नों का उत्तर मिल जाता:
जवाब देंहटाएंप्यार के द्वार पर जिया होगा
रूप का आचमन किया होगा
फूल कुछ और खिल गया,शायद
गर्म होठों ने छू लिया होगा।
सही है,
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंभाईजी आपके शब्दों और इस फोटो ने गजब की आग लगायी है :)
जवाब देंहटाएंसीधे दिल तक उतरती सुंदर रचना
बचवा....तुमने लिखने के बाद पढ़कर देखा कि शब्द सही सही लिखा है या नहीं,भाव सही सही शब्दों में उतार पाए हो या नहीं ?????
जवाब देंहटाएंये क्या लिखा है ????
ऐसा नही है कि तुम अच्छा लिख नहीं सकते...पर उसके लिए पहले खूब सारा पढो...खुद ही पता चल जायेगा कि कैसे लिखना चाहिए...
तुमने अपने प्रोफाइल में लिखा है...
जवाब देंहटाएं" मुझे उमीद हे आप मेरी गलतियों को नजर अंदाज करने के बजाय दुरस्त करने की मेहरबानी करते रहेंगे | "
इसलिए यह सब कहा...नहीं तो नहीं कहती...
ये तो दुनिया है जनाब , वो तो कुछ भी कहेगी ही .....
जवाब देंहटाएंलाइने अच्छी हैं बस एकाध शब्द ”होंठ की जगह हो ” औए मात्राएं कुछ - कुछ के बजाए कू - कूछ हो गया है ।
मैं भी कर गई गलती लिख कूछ रही थी और.. कू ही रह गया
जवाब देंहटाएंachcha hai magar maatron ka bhi dhayaan rakhiyega .
जवाब देंहटाएंthanks
अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंbahi hamara first name hi kaafi kuch khayal bhi milte hain...
जवाब देंहटाएंachhi rachna...
मेरे ब्लॉग पर इस बार धर्मवीर भारती की एक रचना...
जरूर आएँ.....
duniya ka kaam hai kahnaa..............
जवाब देंहटाएंsadiyo se hota raha bahana..............
sunder abhivykti....
wah Sekhar..............sundar rachna!!
जवाब देंहटाएंjab aag lagegee to duniya kuchh to kahegee! Dhuaan to uthega!
जवाब देंहटाएंBahut pyari-si chhoti-si rachana!
accha likha aapne
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