Shekhar Kumawat's Blog
Bahut,bahut sundar! Wah!
अच्छे छंद हैं!
ग़ज़ब ...बहुते ग़ज़ब.... क्या लाइन लिखी है....
waah...bahut khub...----------------------------------मेरे ब्लॉग पर इस मौसम में भी पतझड़ ..जरूर आएँ...
उठा भी दो पर्दा अब चहरे से जगी है प्रीत अब मुझमे भी....प्रीत की सुंदर बानी .... प्रीत दोनो तरफ हो तो बात ही क्या ,.....
ज़रूर कोई बात तो होगी ....बहुत खूब
sसुन्दर । बहुत बहुत आशीर्वाद।
गहराई है शब्दों में।
utha do parda........:)payari panktiyan!!!!
बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
बहुत सुंदर
इतना संक्षिप्त ????सुन्दर भाव है...थोडा विस्तार दें...
बहुत बढ़िया लिखा है ...शाबाश !!!!
तुम्हारी चार लाइनों कि गहराई किसी ग़ज़ल से कम नहीं. बहुत सुन्दर.
पर्दे में रहने दो... पर्दा न उठाओ..........
सीधी सादी बात की बेहतरीन प्रस्तुति...ये चित्र कहाँ से लाये आप? वाह...लाजवाब है...नीरज
sunder abhivyakti...
Bahut,bahut sundar! Wah!
जवाब देंहटाएंअच्छे छंद हैं!
जवाब देंहटाएंग़ज़ब ...बहुते ग़ज़ब.... क्या लाइन लिखी है....
जवाब देंहटाएंwaah...bahut khub...
जवाब देंहटाएं----------------------------------
मेरे ब्लॉग पर इस मौसम में भी पतझड़ ..
जरूर आएँ...
उठा भी दो पर्दा अब चहरे से
जवाब देंहटाएंजगी है प्रीत अब मुझमे भी....
प्रीत की सुंदर बानी ....
प्रीत दोनो तरफ हो तो बात ही क्या ,.....
ज़रूर कोई बात तो होगी ....बहुत खूब
जवाब देंहटाएंsसुन्दर । बहुत बहुत आशीर्वाद।
जवाब देंहटाएंगहराई है शब्दों में।
जवाब देंहटाएंutha do parda........:)
जवाब देंहटाएंpayari panktiyan!!!!
बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंगहराई है शब्दों में।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंइतना संक्षिप्त ????
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव है...थोडा विस्तार दें...
बहुत बढ़िया लिखा है ...
जवाब देंहटाएंशाबाश !!!!
तुम्हारी चार लाइनों कि गहराई किसी ग़ज़ल से कम नहीं. बहुत सुन्दर.
जवाब देंहटाएंपर्दे में रहने दो...
जवाब देंहटाएंपर्दा न उठाओ..........
सीधी सादी बात की बेहतरीन प्रस्तुति...ये चित्र कहाँ से लाये आप? वाह...लाजवाब है...
जवाब देंहटाएंनीरज
sunder abhivyakti...
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