बढ़िया लिखा है ,,,,इस पेशकश को कुछ आगे बड़ा दो ,,,अधूरी सी है..//// इतने दिन कहाँ थे ....हमारी याद नहीं आई क्या ?....एक-दो दिन में कुछ-ना-कुछ लिखते रहा करो ...
abhi tuarant arvind ji ki rachna मत पीबय शराब सजना रे, मति पीबय. padh kar aaya hoon aur phir aapki rachna..... sikke ke do pehloo..... achii rachna,...
मदहोश और जेहादी होइए लेकिन इंसानियत को बचाने के लिए ,अच्छी प्रस्तुती /
जवाब देंहटाएंkya bat he bahut khub
जवाब देंहटाएंshandar
kon rokta he peene wale ko
जवाब देंहटाएंshart hai ki vo hosh na khoye.
kya tufan machane ka irada hai aapka,
जवाब देंहटाएंaccha likha hain aapne
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुन्दर, लेकिन कुछ अधूरी सी लग रही है !
जवाब देंहटाएंनीलेश माथुर जी से सहमत। सुन्दर, लेकिन ’वो’ बात अधूरी सी कर गया।
जवाब देंहटाएंbahut badhiyaa
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह एक सुंदर अभिव्यक्ति..बढ़िया लगी बधाई..
जवाब देंहटाएंJammu Se aane ke baad peene lage ho kyaa.achha vyangya
जवाब देंहटाएंAah! Kya peeke madhosh hon,jab koyi jaam asar na kare!
जवाब देंहटाएंआपके शेर पर एक शेर याद आ गया जो मैंने शायद १९७२-७३ में लिखा होगा.....
जवाब देंहटाएंहँस कर गुज़ार दो जो वक्त ज़िंदगी का
असल में उसी को जीना कहते हैं
मय मयखाने में जा कर पी तो क्या पी
जो अश्कों को पी ले उसीको पीना कहते हैं.....संगीता
बढ़िया लिखा है ,,,,इस पेशकश को कुछ आगे बड़ा दो ,,,अधूरी सी है..//// इतने दिन कहाँ थे ....हमारी याद नहीं आई क्या ?....एक-दो दिन में कुछ-ना-कुछ लिखते रहा करो ...
जवाब देंहटाएंआज फिर मुझे, मदहोश होने दो |
जवाब देंहटाएंपी लेने दो जाम, फिर होश खोने दो ......bahut badhiya.
bahut khoob!
जवाब देंहटाएंbahut achi hai....
जवाब देंहटाएंabhi tuarant arvind ji ki rachna
जवाब देंहटाएंमत पीबय शराब सजना रे, मति पीबय.
padh kar aaya hoon aur phir aapki rachna.....
sikke ke do pehloo.....
achii rachna,...
SANGEETA JI AAPNE BAHUT KHOOB LIKHA HAI AAPKE ES PEENE BALE SHER KO PAD KAR DIL ROMANCHIT HO GAYA WONDERFULL
जवाब देंहटाएंवाह ... जो कहना हो वैसे ही कह दो ... जी भर ले कह दो .. लाजवाब शेर ...
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंkyaa kahun...
sab guni jan to kah gaye hain.....
पी लेने दो जाम, फिर होश खोने दो ......bahut badhiya
जवाब देंहटाएंकुमावत जी, पीने की लालसा जगा दी आपने। मैं शराब की नहीं आपके काव्य की बात कर रहा था।
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