आपके भीतर साहित्य को समझने की ललक को काव्यवाणी में प्रगट करना हृदय को छू गया।आप जैसा एक होनहार युवासाहित्यकार ही ऐसा स्वीकार कर दूसरों को भी प्रेरित कर सकता है।अन्यथा कवि होने का दम्भ भरने वाले आकर्मण्य निगुरे स्वयंभु्वों की वजह से तो साहित्य रसातल की ओर जा रहा है।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...अंतर्मन के भाव !! ____________________ 'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर हम प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती रचनाओं को प्रस्तुत कर रहे हैं. आपकी रचनाओं का भी हमें इंतजार है. hindi.literature@yahoo.com
बहुत बढ़िया...
जवाब देंहटाएंशेखर जी!
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया है आपके दोनों शेर!
waah, bahut khub....
जवाब देंहटाएंkya khub likha hai aapne...
Bahut sundar...saral bhasha !
जवाब देंहटाएंwah wah
जवाब देंहटाएंwaaah
जवाब देंहटाएंshabdo ke kalakaar ho !
शेखर जी!
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया
शेखर जी!
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया
wah...wah. bahut badhiyaa.
जवाब देंहटाएंsirph char laainon men kaha kisi kitab men chipe saar se adhik behatareen hai.
जवाब देंहटाएंbahut sundar kaha.
aapke dono sher lazvaab hain .......
जवाब देंहटाएंवाह!!!!!!!!वाह!!!!!!!!वाह!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब .....!!
जवाब देंहटाएंतस्वीर उससे भी खूब .....!!
हर बार की तरह ..शानदार
जवाब देंहटाएंgood.
जवाब देंहटाएंaapko milane waale itane comments par jiyaa jalataa hai
kam sabdho main keh dena har ehsaas, yeh har kisike bas ki baat nahi.
जवाब देंहटाएंWaah..waah!
जवाब देंहटाएंAapka 'About Me' bhi bahut badhiya hai..!
sandaar
जवाब देंहटाएंबहुत खूब.....इशारों की जुबान जो समझ जाये वो हर जुबान समझ सकता है....
जवाब देंहटाएंna samajh sake jo esaron ki jubako'unhe juba se samjhana achha nahi,, bahut khub. Shandar post
जवाब देंहटाएंati sunder
जवाब देंहटाएंSuperb...
जवाब देंहटाएंbahut hi koobsoorat
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा है ... इशारों की ज़ुबान समझ आनी ही चाहिए ... क्या बात है ...
जवाब देंहटाएंvaah baat hee vo hai jo ishaaroM se samajh aa jaaye. khoobasoorat ehasaas
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआपके भीतर साहित्य को समझने की ललक को काव्यवाणी में प्रगट करना हृदय को छू गया।आप जैसा एक होनहार युवासाहित्यकार ही ऐसा स्वीकार कर दूसरों को भी प्रेरित कर सकता है।अन्यथा कवि होने का दम्भ भरने वाले आकर्मण्य निगुरे स्वयंभु्वों की वजह से तो साहित्य रसातल की ओर जा रहा है।
जवाब देंहटाएंदोनों शेर बढ़िया है!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...अंतर्मन के भाव !!
जवाब देंहटाएं____________________
'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर हम प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती रचनाओं को प्रस्तुत कर रहे हैं. आपकी रचनाओं का भी हमें इंतजार है. hindi.literature@yahoo.com
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंदोनों शेर बढ़िया है!
जवाब देंहटाएंbahut sunder... kam shabdo me gehri abhivyakti
जवाब देंहटाएंवाह भाई वाह मान गये आपको पहली बार आपके ब्लाग पर आये पर दिल जीत लिया आपने...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंमातृ दिवस के अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें और मेरी ओर से देश की सभी माताओं को सादर प्रणाम |
बहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंkavita to achhi hai hi lekin ye pic bhi bahut achhi hai
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