खुशबू में मेरी दुआ मिली है

मेंहंदी लगी है तेरे हाथों में ,वो मुझे भी देखनी है |
रची है कितनी मेरे प्यार की ,वो भी देखनी है ||

आज होगी आजमाईश मेरी भी मुहब्बत की |
क्योंकि मेहंदी की ''खुशबू'' में मेरी दुआ मिली है ||




:-Shekhar Kumawat

7 टिप्‍पणियां:

  1. आखिरकार यह ब्लॉग इस देश में खुल पाया... पहली बार पढ़ने का मौका मिला... खूबसूरत भाव .....मेंहदी की खुशबू.... माँ के प्रति.... मधुशाला....ख्वाब...इश्क.... खास कर... शबनम के घूँट... साक़ी के हाथों... मुक्तक मुक्त भाव से अपनी बात कह जाते हैं.... शुभकामनाएँ

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  2. सुन्दर लाइनें शेखर जी

    दुआओं का असर होगा ज़रूर
    पर देखना कहीं हो न जाये गरूर
    हो भी जाये तो कोई गम नहीं
    याद हमें फिर भी करना ज़रूर

    दीपक शर्मा कुल्लुवी
    09136211486
    20/5/11

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