दिल का रिश्ता जन्मों का हो जरुरी तो नहीं |
हर रिश्ते का नाम हो ये जरुरी तो नहीं ||
निगाहें ढूंढती है जिसका पता हर रोज़ |
वो शक्स करीब हो ये जरुरी तो नहीं ||
खामोशियाँ दिल का हाल बयां कर देती हे |
इजहार लब्जों से हो ये जरुरी तो नहीं ||
उनकी यादों का समंदर उफान पर हो |
और वो सामने हो ये जरुरी तो नहीं ||
दिल में बस कर -धड़कन में समायां हे |
फिर मेरी बाँहों में हो ये जरुरी तो नहीं ||
शेखर कुमावत
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