काव्य वाणी
Shekhar Kumawat's Blog
ऐ हुस्न............
ऐ हुस्न मुझे तुझसे शिकायत नहीं ।
दूरियां मिटाने की तेरी कवायत नहीं ॥
मझबूर है तेरे कसमो और वादो से ।
वरना ये मोहब्बत इबादत से कम नहीं ॥
करते है इन्तजार हर रोज़ उस मोड़ पर ।
जहाँ से बढ़ने की मुझे इजाजत नहीं ॥
© Shekhar Kumawat
लगा कर महेंदी
लगा कर महेंदी मेरे नाम की दिल को चुरा लिया ।
आई वो खुशबु जिसने मन को महका दिया ।।
नई पोस्ट
पुराने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
Facebook Badge