सुहानी यादो से ना हमको सताया करो ।
ख्वाबो में आकर ना रुलाया करो ।।
दो पल के दिन, चार पलो की राते है।
रूठ कर न हमें यादो में दफ़नाया करो।।
कोई खता हो तो खता की सजा दो हमे ।
रह कर दूर, हुस्न से ना तडफाया करो ।।
मोहब्बत की सजा क्या मोत से कम है।
लिख लिख कर नाम मेरा मिटाया करो ।।
शेखर कुमावत
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