२०११ रा अणि आखरी दन में राजस्थानी विषय माय M.A. (पूर्वार्द्ध ) रो पेलो पर्चो दियो (आधुनिक राजस्थानी गघ साहित्य MARJ 01 ) अन अपने मन मे गणों ही चौखो लाग रियों है | जानेक मारी मायड माटी रो करज उतारवन वास्ते मे पेलो कदम उठायो अन अणि अनुभव सु मारो मन और भी तगडो वैंग्यो माटी री अणि भाषा माय और भी पेठा माय उतरबा रो मन होई गयों है |
आप सगला ने नवा साल री गनी गनी राम राम बचावसी |
आप रो लाडलो मोट्यार
"शेखर कुमावत"
Naye saal kee anek shubh kamnayen!
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