दर्द का ये सेलाब , अब कम न होगा |
आंसुओ का बहना, अब बंद न होगा ||
फिर कैसे भूल जाऊ तेरी यांदो को |
बिन तेरे तो जीना भी आसा न होगा ||

:- शेखर कुमावत
आंसुओ का बहना, अब बंद न होगा ||
फिर कैसे भूल जाऊ तेरी यांदो को |
बिन तेरे तो जीना भी आसा न होगा ||
:- शेखर कुमावत