मेरे मन मंदिर में...


जब से बसा लिया मन, सांवरिया तेरी गली में |
पी लिया अमृत मैने, तेरी बांसुरी की धुन में ||

तोड़ दिए है मैने सारे नाते, इस बैरी जग के |
अब आ जाओ मनमोहन, मेरे मन मंदिर में ||



:-Shekhar Kumawat

16 टिप्‍पणियां:

  1. बहुतखूब !

    ऐसी पुकार पर तो मनमोहन जरूर आएंगे । अगली बार भी सरकार बनाएंगे ।

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  2. arre waah itne pyaar se bulayenge to jaroor aayenge....
    aabhaar..
    http://i555.blogspot.com/

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  3. जब इतनी करुण पुकार होगी तो कान्हा को आना ही पडेगा।

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  4. are shekhar tum jhaadu bahut acchaa lagaate ho.....bahut badhiya foto daalaa hai...

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  5. मनमोहन आपके मन मंदिर में अवश्य आएंगे
    कुछ ऐसे ही विचार आप मेरे ब्लाग में भी पाएंगे

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  6. ठीक है तुम्हारी अभिव्यक्ति. लगे रहो और सतत अध्ययन-मनन से खुद को परिष्कृत करते रहो..

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  7. मुझे यह देखकर बहुत अच्‍छा लगा कि आप अपने किसी विचार को कम से कम पंक्तियों में कहने की कोशिश कर रहे हैं। यह इसलिए भी अच्‍छा है कि कई लम्‍बी कविता कहने के चक्‍कर में वह बिखर जाती है। जितनी छोटी होगी,उतनी संतुलित और कसी हुई प्रभावशाली रचना होगी। केवल एक सुझाव पहली पंक्ति में अगर सांवरे होता तो ज्‍यादा प्रवाह होता। बधाई और शुभकामनाएं।

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  8. वाह रचना और ब्लाग के डिज़ाईन मे क्या कन्ट्रास्ट है? बहुत अच्छी लगी ये पँक्तियां। बधाई।

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