उठा भी दो पर्दा...........

कोई बात तो होगी मुझमे भी|
लगन लगी है
जो तुझमे भी ||

उठा भी दो पर्दा अब चहरे से |
प्रीत जगी है अब मुझमे भी ||


https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjmqudFGQAXnN6hSM17Jzrm636L9iGNYNXf_MtxfM7HE8J0pCYolJ1tLzBeZIJ11Y-dWk23FP7ew321JVIYdjkRt8DN7FTvFxec3W4FAiHPzSxIHC0_PRufchMDopxLm8OIgGfOApfKnH0/s640/20090407113302aankhe.jpg


शेखर कुमावत

19 टिप्‍पणियां:

  1. ग़ज़ब ...बहुते ग़ज़ब.... क्या लाइन लिखी है....

    जवाब देंहटाएं
  2. waah...bahut khub...
    ----------------------------------
    मेरे ब्लॉग पर इस मौसम में भी पतझड़ ..
    जरूर आएँ...

    जवाब देंहटाएं
  3. उठा भी दो पर्दा अब चहरे से
    जगी है प्रीत अब मुझमे भी....

    प्रीत की सुंदर बानी ....
    प्रीत दोनो तरफ हो तो बात ही क्या ,.....

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  5. इतना संक्षिप्त ????
    सुन्दर भाव है...थोडा विस्तार दें...

    जवाब देंहटाएं
  6. तुम्हारी चार लाइनों कि गहराई किसी ग़ज़ल से कम नहीं. बहुत सुन्दर.

    जवाब देंहटाएं
  7. पर्दे में रहने दो...
    पर्दा न उठाओ..........

    जवाब देंहटाएं
  8. सीधी सादी बात की बेहतरीन प्रस्तुति...ये चित्र कहाँ से लाये आप? वाह...लाजवाब है...

    नीरज

    जवाब देंहटाएं

Facebook Badge