तुम से रूठ कर कहाँ जायेंगे हम |
दिल तेरा तोड़ कर क्या पाएंगे हम ||
ये तो दुनिया का रिवाज है प्रीतम |
जो बिछड़ कर ही मिल पाएंगे हम ||
:- Shekhar Kumawat
दिल तेरा तोड़ कर क्या पाएंगे हम ||
ये तो दुनिया का रिवाज है प्रीतम |
जो बिछड़ कर ही मिल पाएंगे हम ||
:- Shekhar Kumawat
bahut badhiyaa
जवाब देंहटाएंतुम से रूठ कर कहा जायेंगे हम
जवाब देंहटाएंतेरा दिल तोड़ कर क्या पाएंगे हम ...
lajawaab शेर ... सच है unke bina kuch नहीं hota ...
sach hi kha hai kisi ne dil jis se lag jata hai use kabhi nahi bulaya ja skta
जवाब देंहटाएंRavi Gupta
कम शब्दों में बहुत कुछ बयां कर दिया आपने.... बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंसच कहा यही दुनिया का रिवाज़ है जीते जी कौन कब किससे मिला है……………बहुत ही सुन्दर भावाव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर शब्द एवं भाव ।
जवाब देंहटाएंvery nice.......:)
जवाब देंहटाएंbahut khoob.. zanaab..
जवाब देंहटाएंवाह वाह क्या बात है !
जवाब देंहटाएंBahut umda bhai
जवाब देंहटाएंBina bichhade milna bhi koyi milna hua? Jab tak bichhoh ka dard nahee sahte,milan kaa anand kahan?
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar....
जवाब देंहटाएंbahut badhiyaa
जवाब देंहटाएंbahut khoob...
जवाब देंहटाएंKya baat Kya Baat
जवाब देंहटाएंला-जवाब" जबर्दस्त!!
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता ...अंतिम पंक्तियाँ तो बहुत ही अच्छी लगीं.
जवाब देंहटाएंवाह! बेहतरीन!
जवाब देंहटाएंयार, घिसी पिटी बात है, हज़ार बार दोहराई गई....कुछ नया कहो...
जवाब देंहटाएंअच्छा लिखा है.
जवाब देंहटाएंबढ़िया है जी.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर................
जवाब देंहटाएंshukriya aap sab ka
जवाब देंहटाएंआप का बन्नेर मुझे बहुत पसंद है
जवाब देंहटाएंaccha likha hain aapne
जवाब देंहटाएंबहुत खूब भाई ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंदिल तोद कर दर्द के सिवा क्या मिलेगा। अच्छी सोच है। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंSach likh hi diya apne lakho logo ka
जवाब देंहटाएंतुम से रुठ कर कहा जायेंगे हम !बहुत खूब.
जवाब देंहटाएं