मेंहंदी लगी है तेरे हाथों में ,वो मुझे भी देखनी है |
रची है कितनी मेरे प्यार की ,वो भी देखनी है ||
आज होगी आजमाईश मेरी भी मुहब्बत की |
क्योंकि मेहंदी की ''खुशबू'' में मेरी दुआ मिली है ||
रची है कितनी मेरे प्यार की ,वो भी देखनी है ||
आज होगी आजमाईश मेरी भी मुहब्बत की |
क्योंकि मेहंदी की ''खुशबू'' में मेरी दुआ मिली है ||
:-Shekhar Kumawat