काव्य वाणी
Shekhar Kumawat's Blog
हालात-ए-सूरत.....
हालात-ए-सूरत बदलनी चाहिए ।
तब्दीली जमीं पे दिखनी चाहिए ।।
गुलिस्ता में फूल खिले ना खिले ।
चहरो पे रौनक दिखानी चाहिए ।।
©
Shekhar Kumawat
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