सावन में आग लग गई................

जबसे जिन्दगी एक हसीन सफ़र बन गई |
दिल को उसी दिन से नई तलब लग गई ||

जालिम जमाना कहता सावन बरस रहा |
मगर हम कह रहे सावन में आग लग गई ||


श्केहर कुमावत

26 टिप्‍पणियां:

  1. are waah..........bhari garmi mein sawan le aaye aur usmein aag bhi laga di........gazab kar diya...........bahut sundar .

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  2. शेखर बाबू आपके ऐसे इस दिलकश सफ़र में हमें भी कभी शामिल करें.......लेखनी में सुधार लगातार.
    kaa अपनी माटी
    माणिकनामा

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  3. अब ये तो सावन सावन की बात है....बहुत खूब

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  4. वाह ! क्या बात है,सुन्दर रचना!

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  5. लिखा ठीक है लेकिन बात पूरी करो । आपकी रचना गहराई मे उतरना चाहती ...... उस कथ्य तक ले चलो ।

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  6. लिखा ठीक है लेकिन बात पूरी करो । आपकी रचना गहराई मे उतरना चाहती ...... उस कथ्य तक ले चलो ।

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  7. क्या बात है भाई ... बहुत romantic हो रहे हैं ... कहीं कोई ...

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  8. bahut sundar ek achhi rachna ....chaar panktiyya par ...laajavaab

    http://athaah.blogspot.com/

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  9. वे कहते सावन..
    हमें आग लग रही...

    दृष्टिकोण पनप रहा है....आभार...

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  10. बहुत सुन्दर लिखा...बधाई.
    ______________
    'पाखी की दुनिया' में 'वैशाखनंद सम्मान प्रतियोगिता में पाखी' !

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  11. bhai likha hai

    aag lagi hai dil me
    najar aati nahi
    magar jajbaaton ka baag
    mahkne yu hi to lagta nahi

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  12. सावन तो आने देते फिर आग लगते .....!!

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  13. आपने फोटो इतना ग़ज़ब लगा रखा है की सावन में आग लग ही जाएगी ... बहुत खूब लिखा है ...

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  14. अति सुन्दर। चित्र भी बहुत बढ़िया हैं।

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