हालात-ए-सूरत.....

हालात-ए-सूरत बदलनी चाहिए ।
तब्दीली जमीं पे दिखनी चाहिए ।।

गुलिस्ता में फूल खिले ना खिले ।
चहरो पे रौनक दिखानी चाहिए ।।

© Shekhar Kumawat


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