दिल की दुरी.................

दिल की दुरी को कदमो से ना मिटा सके । 
जज्बातों की आग को ना आँखों से बुझा सके ।। 

एक वादा था उस मोड़ तक साथ चलने का । 
जिसे न तुम निभा सके न हम निभा सके ।।


 Dil Ki Duri Ko Kadmo Se Na Mita Sake. 
Jajbato Ki Aag Ko Na Aankho Se Bujha Sake.

 Ek Wada Tha Us Mod Tak Sath Chalne Ka. 
Jise Na Tum Nibha Sake Na Ham Nibha Sake.


 © Shekhar Kumawat

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