काव्य वाणी
Shekhar Kumawat's Blog
बंद आंखो के सपने
बंद आंखो के सपने कहा साकार होते |
बातो से रास्ते कहा आसान होते ||
वतन की मांग है जागो-उढो-चलो |
क्योकी तबदिली बुलन्द होसलो से होते ||
© Shekhar Kumawat
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