हैं माँ

हैं माँ
मेने देखा
मैंने समझा

ये दुनिया कितनी छोटी हे
और तेरा आँचल कितना बड़ा हे

तेरे आँचल में मिले मुझे लाख फूल
दुनिया में मिले हर कदम पर शूल

तुने हर कदम पर संभाला
जहाँ ने हर कदम पर गिराया

सबसे बड़ा तेरा दिल
बाकी ये सब पत्थर दिल

बस माँ तेरा तेरा आँचल मिले
रख कर उस में सिर

मीठी मीठी लोरी सुनु
प्यारी प्यारी बाते सुनु

हा माँ तेरा आँचल मिले
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhH1d0I62SfuiT9LJkTsjtH-Oo_4GYGPKwl93kKfGoWW6DHGNRD1SM4iY6ADT6saQva0JtENfJHsKkLD7VL7LDjFtSC26PtN3pdw1my71bhej2pD1WhyxCbBmDGjMWNj9xw_JofZ2cs9Hq_/s1600/happy_mothers_day.jpg
:- Shekhar Kumawat

3 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा लिखा शेखर भाई , meri taraf se bhi kuchh
    माँ की कुर्बानिया ज्यू ज्यू याद आती जाये
    आँखों में धन्यवाद के वो आंसू लाती जाये
    दुआ उसकी लोरी बनकर कानो को भाती जाये
    कृतज्ञता उस के लिए हमारे दिलो में छाती जाये

    अभी बस इतना ही , आदत से मजबूर हू इसलिए ज्यादा लिखना ठीक नहीं ,इसलिए ये चार पंक्तिया आपके श्री चरणों में . वैसे छः महीने पहले मैंने भी भावुक होकर अपनी मम्मी के लिए कुछ पंक्तिया लिखी थी . समय मिले तो पढ़ लेना
    http://saralkumar.blogspot.com/2010/12/blog-post_22.html

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  2. ये दुनिया कितनी छोटी हे
    और तेरा आँचल कितना बड़ा हे

    तेरे आँचल में मिले मुझे लाख फूल
    दुनिया में मिले हर कदम पर शूल
    Kitna sach hai ye!

    जवाब देंहटाएं

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