की वो साथ नहीं ............


जो ख़्वाबों मे था , वो हकीकत नहीं |
जिसके सपने संजोये वो जन्नत नहीं ||

अरमानों के मोती जो हमने चुने कभी |
ज़माने के बाजारों मै हकीकत नहीं ||

मेरी किस्मत ने भी मुझे दगा दे दिया |
फिर भी खुदा से कोई शिकायत नहीं ||

अब याद ना कर 'शेखर' बार बार उसे |
खुश किस्मत ही समझ कि वो साथ नहीं ||



:- शेखर कुमावत

43 टिप्‍पणियां:

  1. लाजवाब।
    जो ख्वाबो मे था , वो हकीकत नहीं |
    जिसके सपने सजोये वो जन्नत नहीं ||

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  2. बढ़िया गजल है!
    लाइनों के अन्त में "है" और लगा दिया जाता तो बहुत अच्छा रहता!

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  3. अब याद ना कर 'शेखर' बार बार उसे |
    खुश किस्मत ही समझ की वो साथ नहीं ||
    Uff! Yah kaisee vidambana hai!

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  4. बहुत खूब !
    वो आखिरी बार भी धोखा दे जाएगी सोचा ना था
    जिंदगी इसबार भी रुलाएगी ये सोचा ना था
    रत्नेश त्रिपाठी

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  5. अब याद ना कर 'शेखर' बार बार उसे |
    खुश किस्मत ही समझ की वो साथ नहीं ||

    किसकी खुशकिस्मती है ,,,,!!

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  6. जो ख्वाबो मे था , वो हकीकत नहीं |
    जिसके सपने सजोये वो जन्नत नहीं ||

    अरमानो के मोती हमने चुने थे कभी |
    वो जालिम ज़माने मे हकीकत नहीं ||
    ....बहुत सुन्दर!

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  7. जो ख्वाबो मे था , वो हकीकत नहीं |
    जिसके सपने सजोये वो जन्नत नहीं ||

    लाजवाब।

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  8. ये बिल्कुल मेरी अपनी कहानी है पर में अपने आप को खुश नसीब नही समझ सकता यार करना नही भुला सक्ता क्या करूं,
    आखिर ये दिल का मामला हैं, आराम का नही

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  9. अरमानो के मोती हमने चुने थे कभी
    वो जालिम ज़माने मे हकीकत नहीं ....

    अरमानों को प्यार की खुश्बू मिले तो वो हक़ीकत बनते हैं .... वरना कुछ नही ....

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  10. वाह …………………बहुत ही सुन्दर भाव्।

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  11. खूबसूरत अभिव्यक्ति....बहुत बढ़िया

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  12. Ab yaad na kar Shekhar...

    " Na shikwa yaar se, na shiqayat rakeeb se, Jo bhi hua khuda se hua, ya naseeb se. "

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  13. खुश किस्मत ही समझ कि वो साथ नहीं ||
    bilkik sahi likha hai.
    http://udbhavna.blogspot.com/

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  14. वाह क्या बात है! शानदार ग़ज़ल लिखा है आपने!

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  15. अब याद ना कर 'शेखर' बार बार उसे |
    खुश किस्मत ही समझ कि वो साथ नहीं
    बहुत खूब....

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  16. अब याद ना कर 'शेखर' बार बार उसे |
    खुश किस्मत ही समझ कि वो साथ नहीं ||
    waah bahut khoob

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  17. बहुत बढिया ।

    शिकवा की जगह यदि शिकायत लिखते थो आपके बाकी के काफिये से मेल खाता ।

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  18. बहुत ही खूबसूरत -पवित्र -सकारात्मक सोच -
    मन को छू गया .
    अनेक बधाई

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  19. अजी कहाँ गायब हो गए हो आप जनाब

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  20. अरमानो के मोती हमने चुने थे कभी |
    वो जालिम ज़माने मे हकीकत नहीं ||

    bahut sundar rachna.

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  21. मेरी किस्मत ने भी मुझे दगा दे दिया |
    फिर भी खुदा से कोई शिकायत नहीं ||

    शिकायत होनी भी नही चाहिए,ये तो जिंदगी है .....क्या खूब कहा
    सुंदर रचना .....

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  22. aapki kavita he maan achchhi lagi shabdon ka samyojan aur chayan donhi utkrisht evam swabhawik lage.

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  23. अरमानों के मोती हमने चुने थे कभी |
    वो जालिम ज़माने मै हकीकत नहीं ||
    बेहद खुबसूरत....

    regards

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  24. बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ उम्दा रचना लिखा है आपने!
    बधाई!

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