तेरा ही चेहरा भाया

कैसा उल्फत का जूनून, मेरे दिल में समाया |
हजारो चहरो में , बस तेरा
ही चेहरा भाया ||

कदम कदम पर ठोकरें इम्तिहां मेरा लेती रही |
हार कर उन्हींने, रास्ता तेरे घर का दिखाया ||

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शेखर कुमावत

विनती मांकी हुणिंजों , पवन पुत्र हडुमान |


विनती माकी हूणिजो, पवन पुत्र हडुमान |
संकट सबका टाळजो , महावीर बलवान ||

सीता रा संकट हरया, पायो जग में नाम |
त्यूं सबकी रक्षा करो , सिद्ध करो सब काम ||


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शेखर कुमावत

फिर भी ऐसी क्या बात हो गई ....................


तेरी हँसी जिगर के पार हो गई ,
तू रूठी तो आसुंओ की धार हो गई |

बाते नकद की ,
सभी क्यूँ उधार हो गई ||

हाय तेरा रूठ जाना ,
मेरा
बार बार मनाना |

हम तो दिल के मारे हें ,
और तू किस्मत की मारी हे ||





शेखर कुमावत

हैं माँ

हैं माँ
मेने देखा
मैंने समझा

ये दुनिया कितनी छोटी हे
और तेरा आँचल कितना बड़ा हे

तेरे आँचल में मिले मुझे लाख फूल
दुनिया में मिले कदम कदम पर लाख शूल

तुने हर कदम पर संभाला
दुनिया ने हर कदम पर गिराया

सबसे बड़ा तेरा दिल
बाकी सब पत्थर दिल

बस माँ तेरा तेरा आँचल मिले
रख कर उस में सिर

मीठी मीठी लोरी सुनु
प्यारी प्यारी बाते सुनु

बस माँ तेरा आँचल मिले

शेखर कुमावत

काव्य 'वाणी'

नमस्कार साथियों में शेखर कुमावत अपनी रूहानी आवाज के साथ आप सब के लिए लाया हु मेरा अपना ब्लॉग

काव्य 'वाणी'


आशा हे इस नए ब्लॉग के जरिये आप तक अपने दिली जज्बात को पंहुचा ने में कामियाब होऊंगा |



१५/३/20010
शेखर कुमावत


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